अध्यात्म और एक आम इंसान के व्यस्त जीवन में उसका समावेश

Politicianmirror के लिए प्रयागराज से अनीश सिंह – आध्यात्मिक जीवन क्या हैं अक्सर जब भी यह प्रश्न पूछा जाता है तो लोग जवाब में ईश्वर, भक्ति, पूजा आदि को जोड़ देते है अगर आप भी उसी की उम्मीद कर रहे है तो मेरा जवाब आपके लिए नहीं है लेकिन अगर आप इसे जानने की इच्छा रखते है तो अध्यात्म एक ऐसी जीवन विधा है जिसमे सभी जीवों को समान माना जाता है। आपके व्यवहार में करुणा और सत्य दोनों होने चाहिए, किसी से दुस्प्रेरण ना हो और आपके कर्म में सदा अन्य जीवों की भलाई छिपी हो।

अपने सभी नैतिक कर्तव्यों को पूरा करते हुए श्रष्टि को अभिभावक की तरह सहेजना ही वास्तविक अध्यात्म है। वरना गीता में श्री कृष्ण कर्म को महत्व ना देकर पूजा आदि का वर्णन करते।

मनुष्यत्व क्या हैं?

व्यस्त जीवन में आध्यात्मिकता कैसे लाएं?

आध्यात्मिक जीवन बहुत सरल है। सरलता से जीना आसान है।

आध्यात्मिकता कुछ और नहीं बल्कि सहजता है।

‘मौन रहना’

‘जैसा है वैसा ही सब कुछ स्वीकार करना’

‘होशपूर्वक जीवन जीना’

‘खुद को जानें’

‘जियो और जीने दो’

‘वर्तमान में रहना’

‘खुद के साथ समय बिताना’

बस इतना ही।

अध्यात्म का हमारे शरीर पर प्रभाव

आध्यात्मिकता ठीक उसी प्रकार आत्मा को पोषित करती है । जिस प्रकार अन्न शरीर को एवं प्राणायाम मन को । जिस प्रकार शरीर की वृद्धि के लिए आहार की आवश्यकता होती है , उसी प्रकार आत्म ज्ञान हेतु आध्यात्मिक ऊर्जा की आवश्यकता होती है । जो हमें जप तप होम आदि आध्यात्मिक अनुष्ठानों से प्राप्त होता है ।

One thought on “अध्यात्म और एक आम इंसान के व्यस्त जीवन में उसका समावेश

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *