गाजीपुर। बेसिक शिक्षा के परिषदीय विद्यालयों के नौनिहाल अब ब्लैकबोर्ड के बजाए कंप्यूटर से शिक्षा हासिल करेंगे।
जिले में 275 विद्यालयों में स्मार्ट क्लासेज बनाने को मंजूरी मिल गई है। जल्द ही यहां इलेक्ट्रानिक उपकरण पहुंचने लगेंगे। इंटीग्रेटेड स्किम फाॅर स्कूली शिक्षा को लेकर आईसीटी और डिजिटल इनिशिएटिव एवं इनोवेटिव प्रोग्राम फॉर मॉनीटरिंग के तहत स्मार्ट क्लास सेटअप लगाया जाएगा।
भारत सरकार ने वार्षिक कार्ययोजना 2022-23 को मंजूरी दी है। इसके तहत जिले के 275 परिषदीय विद्यालय स्मार्ट बनेंगे। हर विद्यालय में प्रोजेक्टर, कंप्यूटर, साउंड एवं टीवी लगाया जाएगा। विद्यालयों में उपकरण लगाने की जिम्मेदारी यूपी इलेक्ट्रानिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड को दी गई है। इनके जरिए परिषदीय विद्यालयों में चल रहे दीक्षा एप सहित अन्य एप से नौनिहालों को पढ़ाया जाएगा।
इन उपकरणों के रखरखाव की जिम्मेदारी प्रधानाध्यापक, प्रधान एवं निकटवर्ती पड़ोसी की होगी। विद्यालयों में यह उपकरण लोहे के दरवाजे लगे कमरे में रखे जाएंगे। यह उपकरण जल्द ही आने की उम्मीद है जिससे बेहतर तरीके से पढ़ाई हो सके। इसके लिए विद्यालय चयनित हो चुके हैं। जल्द यहां व्यवस्थाएं हो सकेंगी।
सीखने के अनुभव को बढ़ाती है स्मार्ट क्लास
स्मार्ट क्लास एक प्रौद्योगिकी सक्षम कक्षा है जो इंटरैक्टिव व्हाइटबोर्ड, डिजिटल प्रोजेक्टर, मल्टीमीडिया सामग्री और शैक्षिक सॉफ्टवेयर जैसे डिजिटल संसाधनों को शामिल करके छात्रों के सीखने के अनुभव को बढ़ाती है। इस तकनीक का उद्देश्य छात्रों के लिए एक आकर्षक और इंटरैक्टिव शिक्षण वातावरण बनाना है। स्मार्ट क्लास आधुनिक कक्षाओं के लिए एक अभिनव और प्रभावी समाधान है, जो छात्रों के सीखने के अनुभव को बढ़ाता है