भारत के पहले सौर मिशन का सफर अपने लक्ष्य तक पहुंचने की तरफ अग्रसर

भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 (Aditya-L1 )तीसरी बार कक्षा बदलने की प्रक्रिया को सफलता पूर्वक पूरा कर लिया है. भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. ऑपरेशन के दौरान मॉरीशस, बंगलूरू और पोर्ट ब्लेयर स्थित इसरो के ग्राउंड स्टेशनों से मिशन की प्रक्रिया को ट्रैक किया गया.

कक्षा बदलने का चौथा अभ्यास 15 सितंबर को लगभग 02:00 बजे निर्धारित किया गया है. इसरो के अनुसार, आदित्य-एल1 16 दिन पृथ्वी की कक्षा में बिताएगा. इस दौरान पांच बार आदित्य-एल1 की कक्षा बदलने के लिए अर्थ बाउंड फायर किया जाएगा.

भारतीय स्पेस एजेंसी इसरो ने दो सितंबर को भारत के पहले सौर मिशन आदित्य-एल1 की लॉन्चिंग की थी.  हमारी पृथ्वी से सूर्य करीब 15 करोड़ किमी दूर है. आदित्य-एल1 पृथ्वी से करीब 15 लाख किलोमीटर दूर रहकर सूर्य के बारे में जानकारी इकट्ठा करेगा.

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