Politicianmirror के लिए गोरखपुर से केदारनाथ सिंह की खबर – इजरायल और हमास के बीच युद्ध 7 अक्टूबर 2023 से शुरू हुआ है. जिसमें अब तक फिलिस्तीन के 7325 नागरिक मारे जा चुके हैं जबकि 18523 से ज्यादा लोग घायल हैं. वहीं इजरायल की बात करें तो हमास के हमले में 1400 से अधिक लोग मारे जा चुके हैं.
इसी बीच संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इजरायली सेना और हमास आतंकवादियों के बीच संघर्ष पर एक प्रस्ताव पेश किया था. इस प्रस्ताव पर भारत ने साफतौर पर दूरी बना ली है.संयुक्त राष्ट्र महासभा ने इजरायली सेना और हमास आतंकवादियों के बीच संघर्ष पर एक प्रस्ताव को बांग्लादेश, मालदीव, पाकिस्तान, रूस,और दक्षिण अफ्रीका सहित 40 से अधिक देशों द्वारा समर्थन दिया गया था. भारत के अलावा, वोटिंग से दूरी बनाने वाले देशों में ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, जर्मनी, जापान, यूक्रेन और यूके शामिल रहे.
भारत ने हमेशा इजरायल-फिलिस्तीन मुद्दे के लिए बातचीत के जरिए ‘दो देश समाधान’ का समर्थन किया है. इस दौरान भारत ने हमास द्वारा गाजा में बंधक बनाए गए बंधकों की रिहाई का भी आह्वान किया. फिलिस्तीनी-इजरायल युद्ध में अब तक लगभग 8725 से अधिक लोग मारे गए हैं.मतदान से दूर रहने के भारत के फैसले के बारे में बताते हुए संयुक्त राष्ट्र में भारत की उप स्थायी प्रतिनिधि योजना पटेल ने कहा कि आतंक का कोई औचित्य नहीं है और देश 7 अक्टूबर को इजराइल पर हुए आतंकी हमले से सदमे में है.
गाजा में लगातार हो रही मौतें एक गंभीर चिंता का विषय है. इस युद्ध में कई नागरिक, विशेष रूप से महिलाएं और बच्चे, अपनी जान देकर इसकी कीमत चुका रहे हैं. पटेल ने कहा आज हम फिलीस्तीन के साथ मानवीय मदद के लिए तैयार है तो इजरायल के साथ आतंकवाद के नाम पर मजबूती से खड़े हैं। और हमास जैसी हर आतंकवादी सोच को खत्म करने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करना चाहिए।