उत्तर प्रदेश की वाराणसी सीट यूपी की सबसे वीवीआईपी सीट रही है. इस सीट से पिछले दो बार से लगातार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सांसद रहे हैं. पीएम मोदी के तीसरी बार भी वाराणसी से ही चुनाव लड़ने की घोषणा के साथ ही उनके निर्वाचन क्षेत्र बदलने की अटकलों पर विराम लग चुका है.
प्रदेश के मुख्यमंत्री आदरणीय योगी आदित्यनाथ जी ने प्रधानमंत्री आदरणीय नरेन्द्र मोदी जी को तीसरी बार वाराणसी से लोकसभा प्रत्याशी बनाये जाने पर हर्ष व्यक्त करते हुए उनका प्रदेशवासियों की ओर से अभिनंदन किया।
वाराणसी सीट से दुबारा प्रत्याशी घोषित होने पर मोदी जी ने शीर्ष नेतृत्व का जताया आभार
पीएम मोदी ने एक्स पर किये पोस्ट में कहा, ‘मैं बीजेपी नेतृत्व को धन्यवाद देता हूं और मुझ पर निरंतर विश्वास करने के लिए करोड़ों निस्वार्थ पार्टी कार्यकर्ताओं को नमन करता हूं। मैं तीसरी बार वाराणसी की अपनी बहनों और भाइयों की सेवा करने के लिए उत्सुक हूं।’
पीएम ने आगे कहा, 2014 में, मैं लोगों के सपनों को पूरा करने और सबसे गरीब लोगों को सशक्त बनाने की प्रतिबद्धता के साथ वाराणसी गया था। पिछले दस वर्षों में, हमने विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की है और एक बेहतर वाराणसी की दिशा में काम किया है। ये प्रयास आगे भी जारी रहेंगे अधिक जोश। पीएम ने वाराणसी के लोगों को उनके आशीर्वाद के लिए विशेष आभार व्यक्त किया।
बीजेपी इस सीट पर एक बार से पीएम मोदी की बड़ी जीत की तैयारी में जुटी हुई है. वहीं विपक्षी दल सपा और कांग्रेस के बीच गठबंधन में ये सीट कांग्रेस के हिस्से में आई है. हालांकि कांग्रेस ने अभी तक अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान नहीं किया है लेकिन माना जा रहा है कि प्रदेश अध्यक्ष अजय राय को मैदान में उतारा जा सकता है.
वाराणसी सीट का समीकरण
वाराणसी सीट का सियासी समीकरण भी बेहद दिलचस्प है. इस सीट पर अब तक 17 बार लोकसभा चुनाव हो चुके हैं. और जिनमें से सात बार यहां कांग्रेस को जीत मिली और सात बार ही बीजेपी जीती है. ये सीट कुर्मी जाति बहुल है. जो किसी भी दल की जीत में अहम भूमिका निभाता रहा है. इसके साथ ही ब्राह्मण, भूमिहार, वैश्य और मुस्लिम मतदाताओं की निर्णायक भूमिका में रहते हैं.