C295 विमान आगामी 25 सितंबर को उत्तर प्रदेश के हिंडन एयरबेस पर लैंड कर सकता है. पिछले साल सितंबर में, भारत ने भारतीय वायुसेना के पुराने एवरो-748 विमानों को बदलने के लिए 56 सी-295 विमान खरीदने के लिए एयरबस डिफेंस एंड स्पेस के साथ 21,000 करोड़ रुपये से अधिक का सौदा किया था.समझौते के तहत, एयरबस चार साल के भीतर स्पेन से भारत को ‘फ्लाई-वे’ स्थिति में पहले 16 विमान वितरित करेगा और दोनों कंपनियों के बीच एक औद्योगिक साझेदारी के तौर पर 40 विमानों का निर्माण और असेंबल्ड भारत में टाटा एडवांस्ड सिस्टम्स (टीएएसएल) द्वारा किया जाएगाइस एयरक्राफ्ट की बात करें तो यह 260 किलोमीटर की अधिकतम की स्पीड पर नौ टन तक पेलोड या 71 सैनिकों को ले जाने में सक्षम है. इसका लचीलापन फिक्स्ड-विंग विमानों और हेलीकॉप्टरों को हवा से हवा में ईंधन भरने में सक्षम है. विमान में एक रिट्रैक्टेबल लैंडिंग गियर भी मौजूद है और इसमें 12.69 मीटर लंबा एक केबिन है. वहीं इस एयरक्राफ्ट के उड़ान की क्षमती का बात करें तो C295 30,000 फीट तक की ऊंचाई पर उड़ सकता है.यह विमान वायुसेना के जरूरत के मुताबिक यह छोटे रनवे पर भी लैंड या टेकऑफ कर सकता है. वायुसेना में इस विमान के शामिल होने से वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा. बता दें कि ऐसा पहली बार होगा कि कोई प्राइवेट कंपनी सेना के लिए विमान बनाएगी.वहीं इसके रफ्तार की बात करें तो यह लगातार 11 घंटे तक करीब 480 किलोमीट प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ सकता है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इसे टेक ऑफ के लिए 670 मीटर और लैंडिंग के लिए केवल 320 मीटर रनवे की जरूरत होगी. इस एयरक्राफ्ट का इस्तेमाल सैन्य के साथ-साथ नागरिक और मानवीय मिशन के लिए भी किया जा सकता है.