इजरायल-हमास युद्ध चीन की शह पर भारत-यूरोप कारिडोर रोकने की चाल है

Politicianmirror के लिए कानपुर से मनीष तिवारी की खबर – इजरायल और हमास की लड़ाई के बीच कुछ बातें कही दब ना जाए जिनकी चर्चा आज कोई नहीं कर रहा है। आज इस्लाम के नाम पर दुनिया का हर मुसलमान हमास द्वारा अमानवीय कृत्य करने के बाद भी हमास के लिए लड़ने की कसमें खा रहा है धरना प्रदर्शन कर रहा है। लेकिन मुस्लिम के नाम पर बने हुए इनके देश के नेताओं द्वारा मीडिया में बाइट तो खतरनाक दी जा रही है। लेकिन बात जब मदद की हो रही है तो मुस्लिम समुदाय के नेताओ का पता ही नहीं चल रहा है ना कोई अपने देश की सीमा खोलने को तैयार हैं ना ही गाजा वासियों को अपने यहां लेने को तैयार हैं। हां जिनसे ये लड़ने की कसमें खा रहे वो देश‌ और उनके लोग बढ़ चढ़ कर आज गाजा पट्टी के लोगों की मदद के लिए आगे आ रहे हैं।

और इनके बीच धर्म के नाम पर मुस्लिम आतंकवाद को पुरी दुनिया में फैलाने वाले ईरान की इजरायल और हमास के इस जंग में अतिसक्रियता कोई धर्म की लड़ाई नहीं है वह तो चाइना द्वारा BRI project की काट में भारत से खाड़ी देश होकर यूरोप तक बनाए जा रहे कारिडोर को चीन की शह पर ईरान द्वारा अपने आतंकी संगठन के माध्यम से बाधित करने की एक चाल है इस बात को विश्व के नेता और भारत का नेतृत्व भली-भांति समझ रहा है लेकिन भारत में चंद गद्दार मुल्लों की वजह से आम मुसलमान जनता चीन के इस प्रोपगेंडा का हिस्सा बन गई है। जिनको इस प्रोपगेंडा से दूर रह अपने देश के विकास के बारे मे सोचने की आवश्यकता है।

आज दुनिया में श्रेष्ठता की प्रतिस्पर्धा चाहें वह धर्म के नाम पर हो या देश व राजनीति के नाम पर दुनिया को विकास के मार्ग से हटा कर पत्तन की तरफ अग्रसर कर रही है । आज विश्व समुदाय इस विकट स्थिति से बाहर निकलने के लिए भारत की तरफ आशावादी दृष्टि से देख रहा है।

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