Politicianmirror.com के लिए कानपुर से वरिष्ठ पत्रकार मनीष तिवारी
पंजाब में बाढ़ का तांडव
चंडीगढ़/नई दिल्ली से विशेष रिपोर्ट
पंजाब इस समय पिछले पांच दशकों की सबसे भीषण बाढ़ से जूझ रहा है। राज्य के कई हिस्सों में पानी का स्तर लगातार बढ़ने से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार अब तक 46 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है, वहीं 1.5 लाख से ज्यादा लोग सीधे प्रभावित हुए हैं। इस प्राकृतिक आपदा ने न केवल हजारों परिवारों को बेघर किया बल्कि 1.72 लाख हेक्टेयर से अधिक कृषि भूमि भी बर्बाद हो चुकी है।
ऐसे हालात में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खुद स्थिति का जायजा लेने का फैसला किया है। वे 9 सितंबर (मंगलवार) को पंजाब के गुरदासपुर और आसपास के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करेंगे। पीएम मोदी का यह दौरा न केवल स्थिति का आकलन करने के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि इस दौरान उनसे विशेष राहत पैकेज की घोषणा की भी उम्मीद जताई जा रही है।
बाढ़ की भयावह तस्वीर
पंजाब में हुई इस बाढ़ को पिछले 40-50 सालों में सबसे बड़ी आपदा माना जा रहा है। सतलुज, ब्यास और रावी नदियों के साथ कई स्थानीय नाले उफान पर हैं।
- 2000 से अधिक गांव डूब की चपेट में आ गए हैं।
- अब तक 22,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है।
- 200 से ज्यादा राहत शिविर बनाए गए हैं, जहां विस्थापित परिवारों को अस्थायी ठिकाना दिया गया है।
- फसलों, घरों और पशुधन का भारी नुकसान हुआ है।
राज्य सरकार ने अब तक 4 लाख से ज्यादा लोगों के प्रभावित होने का अनुमान लगाया है। वहीं, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने इसे “पांच दशकों की सबसे गंभीर त्रासदी” बताते हुए केंद्र से अधिक सहयोग की मांग की है।
राहत और बचाव अभियान
बाढ़ से निपटने के लिए NDRF, SDRF, सेना और BSF की टीमें लगातार राहत व बचाव कार्य में जुटी हुई हैं। हेलीकॉप्टर और नावों के जरिए लोगों को सुरक्षित निकाला जा रहा है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और कहा कि पंजाब सरकार हर पीड़ित परिवार के साथ खड़ी है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने अंतरिम राहत राशि और मुआवजे की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
केंद्र सरकार की ओर से कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान पहले ही पंजाब का दौरा कर चुके हैं। उन्होंने बांधों को मजबूत करने, मृत पशुओं का सुरक्षित निस्तारण करने और कीचड़ हटाकर अगली फसल की तैयारी करने की दिशा में राज्य सरकार को जरूरी निर्देश दिए हैं।
प्रधानमंत्री मोदी का दौरा
प्रधानमंत्री मोदी का यह दौरा बेहद अहम माना जा रहा है। वे गुरदासपुर और आसपास के बाढ़ प्रभावित जिलों में जाकर पीड़ित परिवारों से सीधे मुलाकात करेंगे।
सूत्रों के अनुसार, पीएम मोदी इस दौरे के दौरान:
- राहत और बचाव कार्यों की जमीनी समीक्षा करेंगे।
- प्रभावित किसानों और ग्रामीणों से संवाद करेंगे।
- राज्य और केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ राहत एवं पुनर्वास रणनीति पर चर्चा करेंगे।
- संभव है कि वे विशेष राहत पैकेज की भी घोषणा करें।
प्रधानमंत्री ने मुख्यमंत्री भगवंत मान से फोन पर बात कर पहले ही यह भरोसा दिलाया था कि “पंजाब को अकेला नहीं छोड़ा जाएगा”।
अनुमानित नुकसान और चुनौतियाँ
पंजाब सरकार ने बाढ़ से अब तक हुए नुकसान का आकलन करीब ₹13,289 करोड़ लगाया है। इसमें:
- कृषि और ग्रामीण बुनियादी ढांचे का नुकसान सबसे बड़ा हिस्सा है।
- हजारों मकान आंशिक या पूरी तरह से ढह गए हैं।
- सड़कों, पुलों और सरकारी इमारतों को भारी क्षति हुई है।
सबसे बड़ी चुनौती अब बीमारियों को रोकने, पीने के पानी की आपूर्ति बहाल करने और अगली फसल के लिए भूमि तैयार करने की है।
निष्कर्ष
पंजाब की यह बाढ़ केवल एक प्राकृतिक आपदा नहीं, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और समाज के लिए एक गहरा संकट बन चुकी है। प्रधानमंत्री मोदी का दौरा इस आपदा की गंभीरता को दर्शाता है और इससे यह उम्मीद बंधी है कि प्रभावित परिवारों को जल्द राहत मिलेगी।
अगर केंद्र और राज्य सरकारें मिलकर ठोस रणनीति बनाती हैं तो पंजाब इस आपदा से तेजी से उबर सकता है। फिलहाल पूरा देश पंजाब के साथ खड़ा है और सबकी निगाहें 9 सितंबर को पीएम मोदी की यात्रा और संभावित राहत घोषणाओं पर टिकी हैं।