मिडिल ईस्ट में महाशक्तियों के जमावड़े से नये युद्ध की आहट

Politicianmirror के लिए प्रयागराज से अनीश सिंह की खबर – इजरायल-हमास युद्ध के बीच दुनियाभर की महाशक्तियों ने मिडिल ईस्ट की घेराबंदी शुरू कर दी है। सबसे पहले अमेरिका ने अपने युद्धपोतों और जवानों की तैनाती करनी शुरू की, फिर ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस, इटली ने भी अपने युद्धपोत और जवानों को तैनात कर दिया अब चीन के अपने 6 युद्धपोत मिडिल ईस्ट में भेजने के साथ ही इस लिस्ट में ऑस्ट्रेलिया की भी एंट्री होने वाली है।ऑस्ट्रेलिया ने कहा है कि वो अपने दो मिलिट्री ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट और जवानों की तैनाती मिडिल ईस्ट में करने जा रहा है। तो रूस ने भी किंजल हाइपरसोनिक मिसाइलों के साथ रूसी विमानों को काला सागर में तैनात करने का आदेश दिया है। आपको बता दें कि मिडिल ईस्ट में मुस्लिम ब्रदरहुड के नाम पर संगठित मुस्लिम समुदाय द्वारा 7 अक्टूबर को इजरायल में ईरान की शह पर हमास द्वारा किये गये अमानवीय कृत्यों की आलोचना ना कर अपनी आत्म रक्षा के लिए लड़ रहे इजरायल को नेस्तनाबूद करने की कसमें खाने की वजह से आज अमेरिका और चीन के नेतृत्व में दुनिया भर के ताकतवर देशों का यह जमावड़ा एक बड़े ‘महायुद्ध’ की ओर संकेत देने लगा है। और यूक्रेन की तरह खाड़ी देश भी आज महाशक्तियो के हथियार कम्पनियों का टेस्टिंग लैब बनने वाले हैं जहां इन हथियार कम्पनियों के नये नये हथियारों का परीक्षण किया जायेगा।
वहीं इजरायल हमास युद्ध की वजह से भारत के सामने खाड़ी देशों में रहने वाली अपनी बहुत बड़ी आबादी को एअरलिफ्ट करने की आने वाली हैं।

भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी द्वारा अपने व्यक्तिगत सम्बन्धों का इस्तेमाल कर खाड़ी देशों के मुस्लिम शासकों से बात कर इस युद्ध को खत्म कराने का प्रयास तेज कर दिया गया है।
आज भारतीय नेतृत्व गाजा पट्टी के लोगों की मदद के लिए मेडिकल फैसिलिटी देने के साथ ही हमास जैसे आतंकी संगठन को सजा देने के लिए इजरायल के साथ मजबूती के साथ खड़ा हैं।

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