क्या बनारस के कायाकल्प से उसका ठेठ बनारसीपन गायब हो रहा है?

2014 में मोदी द्वारा वाराणसी से चुनाव जीतने के बाद वाराणसी में विकास की ऐसी धारा बही कि बनारस का पूरा रूप ही बदल गया। चुनाव के बाद बनारस को क्योटो बनाने की चर्चा बड़े जोर शोर से हुई आज वह चर्चा भी बंद हो गई और शोर भी हमारी कानों में आनी बंद हो गई।


आज हम क्योटो तो नहीं बन पाये, हां एक बात जरूर हुआ हम बनारस से Smart City Varanasi जरूर बन गये।
और हां गोदौलिया,मैदागिन, विशेश्वरगंज से लंका तक घूमता बनारसी smart होकर अपने बनारसीपन को ही कही भूल चुका हैं।
तंग गलियों से होकर बाबा विश्वनाथ के दर्शन करने वाले लोग अब smart तरीके से बाबा विश्वनाथ के दर्शन कर रहे हैं।
और Smart City Varanasi में एक अदद आशियाने की तलाश में जमीन के smart दलालों द्वारा लूटते पीटते आम जनता की भीड़ की वजह से smart City की बाउंड्री Ring road से भी आगे निकल आस पास के जिलों की सीमा को छूने लिए निकल पड़ी हैं।

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