इजरायल-हमास युद्ध पर Politicianmirror के लिए गाजीपुर से विनय सिंह की खबर – 7 अक्टूबर को इजरायल पर हमास के आतंकी हमले के बाद पश्चिमी एशिया में नया युद्ध शुरू हो गया है. करीब 5 दशकों के सबसे भयानक हमले के बाद इजरायल ने हमास के खिलाफ युद्ध का ऐलान कर दिया है।यह युद्ध आज 34 दिन से लगातार जारी है और अब लेबनान के हिजबुल्ला द्वारा इजरायल पर लगातार राकेट दागने और ईरान द्वारा धार्मिक रंग देने की वजह से इसका असर पूरे मीडिल ईस्ट में धीरे-धीरे फैलने लगा है। ऐसी आशंकाएं हैं कि युद्ध लंबा खिंच सकता है और इस कारण कई कंपनियां अपने परिचालन को शिफ्ट करने के विकल्पों पर गौर कर रही है।
भारत से कम्पनियों का होगा परिचालन
ईटी की एक रिपोर्ट के अनुसार, इजरायल में कई वैश्विक टेक कंपनियों के दफ्तर हैं और ताजे तनाव के बीच उनका परिचालन प्रभावित हो रहा है। अगर इजरायल और हमास के बीच चल रहा युद्ध खिंचता है तो वे कंपनियां फिलहाल इजरायल से अपना परिचालन भारत या अन्य देशों में शिफ्ट कर सकती हैं। टीसीएस और विप्रो जैसी भारतीय आईटी कंपनियां भी अभी अपना काम-काज भारत में शिफ्ट कर सकती हैं।
Israel-Hamas War में गाजा पट्टी हुई तबाह
इजरायल में 500 से ज्यादा बहुराष्ट्रीय कंपनियों के दफ्तर हैं।उनमें इंटेल, माइक्रोसॉफ्ट और गूगल जैसे बड़े नाम भी शामिल हैं। कंपनियों के ये दफ्तर ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर और रिसर्च एंड डेवलपमेंट सेंटर के रूप में हैं, जिनमें 1 लाख से ज्यादा लोग काम करते हैं।
इजरायल-हमास युद्ध के बीच भारत को होगा बड़ा फायदा
ईटी की रिपोर्ट में विशेषज्ञों के हवाले से कहा गया है कि इजरायल में दफ्तर चला रही कंपनियां जरूरत पड़ने पर अपना परिचालन वैसी जगहों पर शिफ्ट कर सकती हैं, जिनका टाइम जोन इजरायल के समतुल्य हो। उनका कहना है कि कंपनियां भारत के अलावा अन्य पश्चिम एशियाई देशों या पूर्वी यूरोपीय देशों पर भी विचार कर सकती हैं।बकौल एक्सपर्ट्स, अगर मामला खिंचता है तो कंपनियां अपने परिचालन पर असर को सीमित करने के लिए वैकल्पिक जगहों पर गौर करेंगी, जिससे भारत जैसे देशों को विशेष तौर पर फायदा हो सकता है।
वहीं आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक ने पश्चिमी एशिया में शुरू हुए इस नए युद्ध के चलते वैश्विक आर्थिक प्रगति के प्रभावित होने की आशंका जाहिर की है।